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आख़िर तमन्ना ही तो है!

तमन्ना का क्या है?
आख़िर तमन्ना ही तो है!
न ख्वाब है, न हकीकत है!
तमन्ना तो बस तमन्ना है।
जो सच नही वो ख्वाब है,
जो सच है वो हकीकत है।
जो ख्वाब हो कर भी हकीकत लगे,
वो तमन्ना है शायद।
खुली आंखों से जो दिखे,
वो हकीकत है, जो बंद आंखों से
दिखे वो ख्वाब है, जो दोनों से दिखे
वो तमन्ना है शायद।
सोच कर ही जिसके बारे में,
आह निकले वो है तमन्ना!
ख्वाब है न हकीकत है,
तमन्ना तो बस तमन्ना है!
ख्वाब तो फिर भी पूरे हो जाते है
तमन्ना तो बस तमन्ना रहती है!
पूरी हो जाए जो तमन्ना वो तमन्ना नहीं ख्वाब था।
न ख्वाब है न हकीकत है, तमन्ना तो बस तमन्ना है।
हर पल एक नई तमन्ना है, हर पल पुरानी को भूलना है।
आख़िर तमन्ना ही तो है!

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