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after 4 long months I am back!!

मेरी टीचर मेनू कहन्दी है आंदा नही मेनू कुछ भी
पापा मेनू कहंदे है तू मेरा नाम दुबायेगा ,मेरी अम्मा मेनू
कहेंदी है एक सोनी कुडी मेनू मिलेगी मेरे यार कहेंदे है
तू मुंडा कमाल है। मेरे पहले टेस्ट की तेयारी की मैंने ऐसे
सारे सुब्जेक्ट्स के नाम मेनू अब है याद। अचानक आया
मुझे ये ख्याल छोडू ये सब बातें, सुनो ये कहानी नई रात को
जब में हॉस्टल की छत पर बैठा था, देख रहा था मैं कॉलेज को
पता नही क्यूँ आँख मैं मेरे आँसू आ गए , मैंने देखा ख़ुद को रोते
मुझे लगा कुछ अलग सा I love my college very much
दिन भर कॉलेज मैं फिरता हूँ शाम होती है तो सोचता हूँ
शाम क्यूँ हुई अब मैं सोचता हूँ उन दिनों के बारें में, सब कुछ इतना
जल्दी जल्दी हो रहा है की क्या बताऊँ जैसे कल की हो ये बात
अब तो रोंदा हूँ मैं पर पता नही क्यूँ , न समझेगी वो, न समझूंगा
मैं कभी, इधर भी वो उधर भी वो every where it is she!
मेरे जानने से या न जानने से क्या होगा, जानता हूँ मैं पर वो नही
जानती, इतने दिंनों से पता नही क्या कहूं पर जब भी देखता हूँ तुझे
लगता है जैसे धड़कन रुक सी गई, जानता हूँ मैं बर्बाद हूँ इंसान, पर पता
नही क्यूँ सोचता हूँ मैं ऐसा, गाना लिखना आता नही पर फिर भी लिखता हूँ मैं
इधर भी वो उधर भी वो every where it is she! पता नही कब मिलेगी वो.....

Comments

Pratham said…
are iski koi nahi he farzi me rota he vobhi apni imagination me rote he tuje dekha he lakin asa nahin ,ro hi nahi sakta tu ase..
kuch bhi kaho likhta mast he, are banda bhi koi kam nahi ekdam jakas ,jakas bole to bilkulm bindash apne marji ka malik , mast mola jaberdest dhmaka,









a dost tu kahan hen ,mera dost tu hen to mera yar kahan hen, or yar tu hen to o yar mera pyar kahan hen, pyar bhi tu hen to muje mari jindgi lotade,merijindgi tu kahan hen?

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